Saturday, May 16, 2015

खुदा भी जब तुम्हे

खुदा भी जब तुम्हे मेरे पास देखता होगा
इतनी अनमोल चीज़ दे दी कैसे, सोचता होगा!

तू बे-मिसाल है, तेरी क्या मिसाल दूं
आसमान से आई है, यही कह के टाल दूं

फिर भी कोई जो पूछे, क्या है तू कैसी है
हाथों मे रंग लेके, हवा मे उछाल दूं
खुदा भी जब तुम्हे मेरे पास देखता होगा
इतनी अनमोल चीज़ दे दी कैसे, सोचता होगा!
जो भी ज़मीन तेरे पाओं तले आए
कदमों से छू के वो आसमान हो जाए

तेरे आगे फीके फीके सारे शृंगार है
मैं तो क्या फरिश्ते भी तुझपे निस्सार हैं

गर्मी की शाम है तू, जाड़ों की धूप है
जीतने भी मौसम हैं, तेरे कर्ज़दार हैं|

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