Thursday, January 27, 2011

भ्रष्टाचार रोकने व कालेधन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आन्दोलन

ज्ञापन
भ्रष्टाचार रोकने व कालेधन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आन्दोलन
प्रतिष्टा में,
(1) महामहिम राष्ट्रपति महोदया,(2) माननीय प्रधानमन्त्री महोदय, भारत सरकार, नई दिल्ली।
विषय: कालेधन की अर्थव्यवस्था को समाप्त कर भारत को विश्व की महाशक्ति बनाने के संदर्भ में।
वन्दे मातरम् !
विश्व मे कालेधन की अर्थव्यवस्था पर काम करने वाली शीर्ष संस्थाओं, टैक्स जस्टिस नेटवर्क, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल, वर्ल्डबैंक एवं वर्ल्डबैंक में से सेवा निवृत्त शीर्ष अधिकारियों एवं देश व विश्व के शीर्ष अर्थशास्त्रियों का निर्विवादित रूप से यह मानना है कि अव तक 11.5 ट्रिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा के अनुसार लगभाग 518 लाख करोड़ रूपये) क्रोसबोर्डर ब्लैकमनी जमा हो चुका है तथा अभी भी लगभग 1.6 ट्रिलियन डॉलर लगभग (72 लाख करोड़ रूपये) प्रतिवर्ष क्रोस बोर्डर ब्लैकमनी जमा होता है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका भारत के कुछ भ्रष्ट लोगों की है।
साथ ही भारत की आन्तरिक अर्थव्यवस्था में भी आजादी के बाद काले धन की अर्थव्यवस्था का पता लगाने के लिए बनें सभी 40 आयोगों व पार्लियामेंट्री कमेटीज़ ने यह माना है कि देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 100 लाख करोड़ रुपये की, काले धन की अर्थव्यवस्था चल रही है। इसका प्रमाण देखना हो तो किसी भी तहसील में जमीन की रजिस्ट्री, रियलस्टेट व फुटकर बाजार आदि में देख सकते हैं।
अर्थव्यवस्था किसी भी देश की बड़ी ताकत होती है और आर्थिक रूप से सर्वाधिक शक्तिशाली राष्ट्र ही विश्व की महाशक्ति होता है। भारत की मूलभूत विकास योजनाओं एवं सुविधाओं के लिए सवसे बड़ी आवश्यकता व बाधा धन की ही है।
देश के भीतर व बाहर जमा ये कालाधन देश की सम्पत्ति है। देश के बाहर स्विटजरलैंण्ड सहित विश्व के लगभग 70 टैक्स हैवन देशों में जमा देश का लगभग 300 लाख करोड़ रुपये तथा देश में ही जमा लगभग 100 लाख करोड़ रुपये अर्थात कुल लगभग 400 लाख करोड़ रूपये की यह अनअकाउण्टड मनी (unaccounted money) देश के विकास मे लगनी चाहिये तथा हर दिन हो रहे भ्रष्टाचार की लूट से देश को बचाने के लिए कठोर कानून बनना चाहिये व पूरी ईमानदारी से उसे लागू करना चाहिये। भ्रष्टाचार के दोषियों को मृत्युदण्ड मिले बिना इसको हम रोक ही नहीं सकते।
महामहिम राष्ट्रपति महोदया एवं माननीय प्रधानमन्त्री जी से हम समस्त भारतवासी देश के 84 करोड़ गरीबी रेखा के नीचे नारकीय जीवन जीनेवाले तड़पते, बिलखते, भूखे, अपमान की जिंदगी जी रहे दरिद्र भारतवासियों जो (अर्जुन सेनगुप्ता व भारत सरकार के भी आर्थिक सर्वेक्षणों व ग्रामीणविकास मन्त्रालय के रिपोर्ट की अनुसार) मात्र लगभग 20 रुपये में जिन्दगी बसर कर रहे हैं इन लगभग 84 करोड़ भारतीयों व समस्त भारत के सम्पूर्ण विकास के लिए हम महोदया से काले धन की अर्थव्यवस्था व भ्रष्टाचार को समाप्त करने हेतु राष्ट्रहित में बिना किसी विलम्ब के निर्णय लेने के लिए विनम्र प्रार्थना करते हैं।
काले धन के बारे में कुछ तथ्य व सत्य हम आपके सामने रखना चाहते हैं जिससे कि इस संदर्भ में कोई भ्रम नहीं रहेः-
(क) विदेशों में जमा देश का लगभग 300 लाख करोड़ रुपये ये मात्र टैक्स की चोरी का पैसा नहीं है। ये देश के विकास का धन है, राष्ट्रीय सम्पत्ति है। ये गरीब बच्चों की पढ़ाई, गरीब लोगों के इलाज व निर्धन लोगों के भोजन का पैसा है। ये देश की सुरक्षा, बिजली, पानी व सड़क आदि विकास योजनाओं का हेरा-फेरी करके व देश के साथ गद्दारी करके चोरी किया गया देश के गांव व गरीब लोगों के हिस्से का धन है।
(ख) ये कालाधन - विधायिका, कार्यपालिका के साथ-साथ राष्ट्र के शीर्ष संवैधानिक पदों पर बैठे कुछ भ्रष्ट लोगों द्वारा कानून, पद व अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके लूटा हुआ रिश्वत खोरी का¬¬¬ पैसा है।
(ग) ये धन प्राकृतिक सम्पदाओं यथा कोयला, खनिज आदि व राष्ट्र की बेशकीमती जमीनों आदि का है, जो करोड़ो रुपये की है उनको कोड़ियो के भाव बेचकर व अवैध खनन करके जमा किया हुआ धन है।
(घ) चौथे नम्बर पर इसमें से कुछ पैसा टैक्स न जमा करके सीधा विदेशों में जमा किया हुआ धन भी है जो कि बहुत कम है। अधिकांश धन इसमें देश के साथ गद्दारी, धोखा व छल करके लूटा हुआ है।
अतः इस काले धन की अर्थ व्यवस्था को समाप्त करने के लिये चार कदम तुरन्त उठायें
(1) विदेशों में जमा देश का ये धन तुरन्त देश में आना चाहिये और क्योंकि भारत के संविधान में लोकतान्त्रिक प्रणाली में देश के बाहर व भीतर जमा कालेधन की अर्थव्यवस्था को समाप्त करने का एकमात्र अधिकार केन्द्र सरकार को दिया हुआ है और देश के ईमानदार माननीय प्रधानमन्त्री जी से हम यह अपेक्षा करते हैं कि वह बेईमानी करके लूटा हुआ देश का धन देश में अवश्य लायेंगे। यदि आप इस नेक कार्य को करते हैं तो ये देश सदा-सदा के लिए आपको राष्ट्रनायक के रुप में याद करेगा, आपका कृतज्ञ रहेगा अन्यथा देश आपकी ईमानदारी व जिम्मेदारी पर हमेशा शक करेगा। क्योंकि पाप को करना जितना अपराध है, पाप व भ्रष्टाचार को सहना एवं संरक्षण देना भी महापाप है। इस कार्य में देरी का मतलब होगा चोरों को बचाना व भ्रष्ट लोगों का साथ देना।
(2) महोदय देश में जमा कालेधन की अर्थव्यवस्था को समाप्त करने के लिए आप स्वयं भी इस बात से सहमत हैं कि बड़े नोट 100 रूपये, 500 रूपये व 1000 रूपये के नोट तुरन्त बन्द होने चाहियें तथा जिन लोगों के पास बिना टैक्स दिया हुआ मेहनत व ईमानदारी का पैसा है उनके लिए इन्कम टैक्स की कोई सरल योजना बना देनी चाहिए जिससे कि वे एक निर्धारित टैक्स जमा करके अपनी पूँजी को व्हाइट कर सकें। शेष बड़े नोटों को कैन्सिल कर दीजिये अर्थात् बड़े नोटो को भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रचलन से बाहर कर दीजिये। कालाधन, काले धन्धे (चुनाव में पैसे का दुरुपयोग, जमाखोरी, मंहगाई, सट्टाबाजी आदि) नकली करेन्सी, आतंकवाद व रिश्वतखोरी व आर्थिक भ्रष्टाचार एकसाथ 5 बड़ी समस्याएं तो खत्म होंगी ही साथ ही देश के विकास के लिए सरकार को लाखों करोड़ रुपये मिलेगा और भारत की गरीबी दूर हो जायेगी। इस कार्य को करने में तो किसी दूसरे देश से संधि भी नही करनी है। धन लाने के इस कार्य में तो राजनैतिक दृढ़ इच्छा शक्ति व राष्ट्र के प्रति वफादारी की जरुरत है।
(3) कालेधन की अर्थव्यवस्था को दुनिया से समाप्त करने के लिए यूनाइटेड नेशन्स के कन्वेंशन अगेन्स्ट क्रप्शन (UNITED NATIONS CONVENTION AGAINST CORRUPTION) में 140 देशों द्वारा पारित प्रस्ताव जो वर्ष 2005 से लम्बित पड़ा है जिस पर 126 देशों ने तथा काले धन के सबसे बड़े ठिकाने वाले देश स्विटजरलैण्ड ने भी 2009 मे अपने देश की संसद में प्रस्ताव का अनुमोदन करके भेज दिया है तो फिर भारत सरकार उस प्रस्ताव को कैबिनेंट से पारित करके क्यों नहीं भेज रही है? इस प्रस्ताव से बिश्व संधि करने वाले इन 140 देशों में से जहाँ जहाँ भी भारत का कालाधन जमा है वहाँ-वहाँ से कालाधन हम आसानी से (उन देशों से) अपने देश में ला सकेगें और सारी कानूनन बाधाएं स्वतः दूर हो जायेंगी। अतः सरकार तुरन्त इस दिशा में कार्यवाही करे और संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रस्ताव को कैबिनेट से पारित करके तुरन्त यू एन (UN) को भेजे।
(4) भविष्य में देश को भ्रष्टाचार करके लूटने की कोई हिम्मत न कर पाये इसके लिए हमने आपको एक लोकपाल बिल का प्रारूप भेजा हुआ है। आप उस प्रारूप की व्यवहारिकता के मद्देनजर उसे तुरन्त पास करवाइये और देश को बचाइए। कालेधन का स्रोत तो भ्रष्टाचार ही है। जब तक भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिये कठोर कानून व्यवस्था नही होगी तब तक कालेधन का स्रोत बन्द नही होगा।
संक्षेप में भ्रष्टाचारियों, बलात्कारियों एवं खाने-पीने की चीजों में मिलावट करके करोड़ो निर्दोष नागरिकों बच्चों व बीमार लोगों की जिन्दगी में जहर घोलने वाले लोगों के खिलाफ मृत्यु दण्ड का कानून बनाइये साथ ही इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था कीजिए जिससे कि लूटा हुआ धन भ्रष्ट लोगों से वसूल किया जा सके तथा आगे से हिन्दुस्तान को लूटने व बर्बाद करने तथा बदनाम करने की कोई हिम्मत न कर सके।
इतिहास व सदी की सवसे बड़ी लूट के रूप में विदेशों में जमा कालाधन राष्ट्र की सम्पत्ति है। विदेश में जमा काला धन भारत वापस लाना एवं देश में जमा काले धन के उपर नकेल कसना इसलिए भी आवश्यक है कि यह धन अधिकाँशतः काले-गैर कानूनी कार्य में ही प्रयोग होता है यथा (चुनाव मे धन के दुरुपयोग से ले कर सरकार बनाने व गिराने तक तथा सट्टा, वायदा, महंगाई से ले कर रिश्वतखोरी तक) सब गलत काम कालेधन से ही होते हैं। हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या - गरीबी है। और इस का एक मात्र पूर्ण समाधान – धन है। देश विदेश मे जमा काले धन की अर्थव्यवस्था को समाप्त करके उस को विकास में लगाकर गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, गंदगी, जनसंख्या की वृद्धि, नक्सलवाद एवं माओवाद आदि सभी समस्याओं को हम समाप्त कर सकते हैं। यदि वर्तमान केन्द्र सरकार इस काम को नहीं करती है तो इस का सीधा सा मतलब होगा की देश के साथ धोखा व गद्दारी करके जमा किया गया कालाधन या तो केन्द्र सरकार में सम्मिलित कुछ भ्रष्ट राजनेताओं का है या फिर उनके द्वारा संरक्षित अन्य भ्रष्ट व्यक्तियों का है।
हम रोग, नशा एवं विदेशी कम्पनियों के लूट के षड़यन्त्र से देश को बचाकर भ्रष्टाचार, कालाधन व भ्रष्टव्यवस्थाओं से मुक्त आध्यात्मिक व आर्थिक रूप से पूर्ण समृद्ध व शक्तिशाली भारत बनाना चाहते है जहाँ परम शान्ति एवं परम वैभव हो। सदाचार युक्त स्वस्थ जीवन, भ्रष्टाचार, कालाधन व भ्रष्टव्यवस्थाओं से मुक्त शासन ही एक आदर्श राष्ट्र की आधार-शिला है। दुर्भाग्य से अब तक जिनके ऊपर देश के विकास की जिम्मेदारी थी उनमें से अधिकाँश विनाश करने मे लगे हैं। जिनके बारे मे हमने सोचा था कि ये देश चलायेंगे वे देश चला नहीं रहे अपितु लूट रहे हैं। रक्षक भक्षक बन गये हैं। जिनके ऊपर देश को बचाने की जिम्मेदारी थी उनमें से अधिकांश देश को बेच रहे हैं। लोकतन्त्र के नाम पर लूटतन्त्र व भ्रष्टतन्त्र का ये घटिया षड्यन्त्र तुरन्त बन्द होना चाहिए।
पूज्य बापू का बलिदान एवं अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह सहित लाखों क्रान्तिकारियों की शहादत के बदौलत मिली आजादी को हमे बर्वादी मे तबदील नही होने देना है अपितु अहिंसा, सत्य व ईमानदारी के रास्ते पर चल कर देश के अन्तिम व्यक्ति को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन व स्वाभिमान का हक दिला कर उसके जीवन में खुशियां लानी हैं।
निवेदक: भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योग समिति, जिला का नाम: …………………………………….
कार्यालय पता:…………………………………………संपर्क सूत्रः ………………………………………………

भ्रष्टाचार व कालेधन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान

भारत माता की जय…………… वन्देमातरम्……
भ्रष्टाचार व कालेधन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान
भारत को विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनाने के राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा बमें। भारत का स्विस बैंकों के साथ-साथ 70 से अधिक टैक्स हैवन देशों में चोरी का लगभग 300 लाख करो।द रूपये तथा देश के अन्दर भी 100 लाख करोड़ रूपये का कालाधन जमा है। यह भारत के गरीब, मजदूर, किसानों के हक का तथा देश के विकास का पैसा है जिसे भ्रष्टाचारियों ने देश के साथ गद्दारी करके विदेशी बैंकों में जमा किया है। यह भारत की राष्ट्रीय सम्पति है तथा देश की भू-सम्पदाओं को अवैध रूप से बेचकर तथा रिश्वतखोरी करके अवैध रूप से जमा किया गया धन है। यह हमारी खून पसीने की कमाई है। यह लाखों करोड़ो गरीब लोगों के भोजन का निवाला छीनकर लूटा गया धन है। यह गरीब बच्चों के पढ़ाई का पैसा है। यह गरीब लोगों के ईलाज का पैसा है। इस काले धन को हमें वापिस लाना है। इसका एकमात्र अधिकार केन्द्र सरकार को है।
आइये प्रधानमन्त्री व राष्ट्रपति तक अपनी इस बात को पहुँचायें। इस आन्दोलन का हिस्सा बनें। परम पूज्य स्वामी जी की आवाज को एवं अभियान को ताकत दें। आप सब जिम्मेदार भारतवासियों का छोटा सा प्रयास 84 करोड़ गरीब लोगों के जीवन में खुशियाँ लायेगा। आप इस धर्मयुद्ध में सत्य ईमानदारी व देश का साथ देकर गरीबी, गन्दगी, जनसंख्या-वृद्धि, नक्सलवाद व माओवाद आदि के कारण नरक बन चुके इस देश में सुख, समृद्धि व स्वर्ग ला सकते हैं।
आइये! उदासीनता छोड़िये, सत्य के मात्र मौन समर्थक व प्रसंशक नहीं अपितु सत्य व न्याय को स्थापित करने वाले सच्चे राष्ट्र भक्त होने का धर्म निभाइये।
आप 30 जनवरी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर भारत को विश्व की महाशक्ति बनाने के राष्ट्रव्यापी अभियान से जुड़ें। रविवार 30 जनवरी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर ज्ञापन सौपने व राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रातः 10 बजे………स्थान पर पहुँचे एवं वहाँ से पदयात्रा करते हुये प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन जिला अधिकारी को सौपें।
वन्दे मातरम्-वन्दे मातरम्……….
भारत माता की जय्……………

1. भ्रष्टाचार मिटाना है, भारत समृद्ध बनाना है।
2. भ्रष्टाचार मिटायेगें, देश को बचायेगें।
3. भ्रष्टाचार मिटायेगें, भारत समृद्ध बनायेगें।
4. कालेधन को लाना है, भारत को बचाना है।