Sunday, March 20, 2016

किसका चेहरा, अब मैं देखूं

चाँद भी देखा, फूल भी देखा 
बादल, बिजली, तितली, जुगनू 
कोई नहीं है ऐसा, तेरा हुसन है जैसा 

मेरी निगाह ने ये कैसा ख्वाब देखा है 
ज़मीं पे चलता हुआ महताब देखा है 
मेरी आँखों ने चुना है तुझको, दुनिया देखकर 
किसका चेहरा, अब मैं देखूं, तेरा चेहरा देखकर 

नींद भी देखी, ख्वाब भी देखा 
चूड़ी, बिंदिया, दर्पण, खुशबू 
कोई नहीं है ऐसा, तेरा प्यार है जैसा 
मेरी आँखों ने चुना है...

रंग भी देखा, रूप भी देखा 
रस्ता, मंजिल, साहिल, महफ़िल 
कोई नहीं है ऐसा, तेरा साथ है जैसा 
मेरी आँखों ने चुना है...

बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारी 
बना दीजिये इनको, किस्मत हमारी 
उसे और क्या चाहिए ज़िन्दगी में 
जिसे मिल गयी है मोहब्बत तुम्हारी 
मेरी आँखों ने चुना है...

कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….

कैसे बताऊँ मैं तुम्हें…. मेरे लिये तुम कौन हो……
कैसे बताऊँ !!!  कैसे बताऊँ मैं तुम्हें
तुम धड्कनॊं का गीत हो, जीवन का संगीत हो!
तुम जिन्दगी, तुम बन्दगी ! तुम रोशनी, तुम ताजगी!
तुम हर खुशी, तुम प्यार हो ! तुम प्रीत हो, मनमीत हो !
आँखों में तुम, यादों में तुम ! साँसों में तुम, आहों में तुम !
नींदों में तुम, ख्वाबों में तुम ! तुम हो मेरी हर बात में…
तुम हो मेरे दिन रात में ! तुम सुबह में तुम शाम में !
तुम सोच में तुम काम में !

मेरे लिये पाना भी तुम ! मेरे लिये खोना भी तुम !
मेरे लिये हँसना भी तुम ! मेरे लिये रोना भी तुम !……… और जागना सोना भी तुम !!!

जाऊँ कहीं देखूँ कहीं… तुम हो वहाँ…तुम हो वहीं !
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें…….. तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं !!!
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….मेरे लिये तुम कौन हो !!!
ये जो तुम्हारा रूप है…ये जिन्दगी की धूप है !
चन्दन से तरसा है ये बदन …बहती है ईसमें एक अगन !
ये शोखियाँ ये मस्तियाँ …. तुमको हवाओं से मिली !
जुल्फ़ें घटाओं से मिली !
होठों में कलियाँ खिल गयीं….. आखों को झीलें मिल गयीं !

चेहरे में सिमटी चाँदनी….. आवाज में है रागिनी !
शीशे के जैसा अंग है…फ़ूलों के जैसा रंग है !
नदियों के जैसी चाल है… क्या हुस्न है ..क्या हाल है !!!
ये जिस्म की रंगीनियाँ…… जैसे हजारों तितलियाँ !
बाहों की ये गोलाईयाँ…. आँचल में ये परछाईयाँ !!!
ये नगरियाँ हैं ख्वाब की…..कैसे बताऊँ मैं तुम्हें..हालत दिल – ऎ – बेताब की !!!
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….मेरे लिये तुम कौन हो !!!
कैसे बताऊँ….कैसे बताऊँ….
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….मेरे लिये तुम धरम हो !!!
मेरे लिये ईमान हो !
तुम ही ईबादत हो मेरी…… तुम ही तो चाहत हो मेरी !
तुम ही अरमान हो मेरा !
कता हूँ मैं हर पल जिसे.. वही तो तस्वीर हो तुम.
तुम ही मेरी तकदीर हो.
तुम ही सितारा हो मेरा…. तुम ही नजारा हो मेरा.
यूँ ध्यान में मेरे हो तुम..जैसे मुझे घेरे हो तुम.
पूरब में तुम, पश्चिम में तुम!!!….उत्तर में तुम, दक्षिण में तुम !!!
सारे मेरे जीवन में तुम.
हर पल में तुम…हर छिन में तुम !!!
मेरे लिये रस्ता भी तुम…. मेरे लिये मन्जिल भी तुम.
मेरे लिये सागर भी तुम..मेरे लिये साहिल भी तुम.
मैं देखता बस तुमको हूँ….मैं सोचता बस तुमको हूँ.
मैं जानता बस तुमको हूँ… मैं मानता बस तुमको हूँ.
तुम ही मेरी पहचान हो…!!!
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें…. देवी हो तुम मेरे लिये.
मेरे लिये भगवान हो !!!
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें….मेरे लिये तुम कौन हो !!!
कैसे……….. ????