Saturday, October 22, 2016

बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारी

बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारी
अगर हो इनायत ए जाने मुहब्बत
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी

जो सबसे जुदा है वो अंदाज़ हो तुम
छुपा था जो दिल में वो ही राज़ हो तुम
तुम्हारी नज़ाकत बनी जब से चाहत
सुकून बन गई है हर इक बेक़रारी

न थे जब तलक तुम हमारी नज़र में
न था चाँद शब में न सूरज सहर में
तुम्हारी इजाजत तुम्हारी हुक़ूमत
ये सारा गगन है ये धरती है सारी

बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारी
अगर हो इनायत ए जाने मुहब्बत
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी