Friday, April 2, 2010

हम करें राष्ट्र आराधन.


हम करें राष्ट्र आराधन हम करें राष्ट्र आराधन.. आराधन
तन से, मन से, धन से, तन मन धन जीवन से
हम करें राष्ट्र आराधन, हम करें राष्ट्र आराधन.. आराधन
अंतर से, मुख से, कृति से ,निश्चल हो निर्मल मति से
श्रद्धा से मस्तक नत से
हम करें राष्ट्र अभिवादन ,हम करें राष्ट्र अभिवादन
हम करें राष्ट्र आराधन ,हम करें राष्ट्र आराधन.. आराधन
अपने हँसते शैशव से ,अपने खिलते यौवन से
प्रौढ़ता पूर्ण जीवन से
हम करें राष्ट्र का अर्चन ,हम करें राष्ट्र का अर्चन
हम करें राष्ट्र आराधन ,हम करें राष्ट्र आराधन.. आराधन
अपने अतीत को पढ़कर ,अपना इतिहास उलट कर
अपना भवितव्य समझ कर
हम करें राष्ट्र का चिंतन ,हम करें राष्ट्र का चिंतन
हम करें राष्ट्र आराधन ,हम करें राष्ट्र आराधन.. आराधन
है याद हमें युग युग की ,जलती अनेक घटनायें,
जो माँ की सेवा पथ पर ,आई बन कर विपदायें,

हमने अभिषेक किया था ,जननी का अरि षोणित से,
हमने श्रिंगार किया था ,माता का अरि-मुंडों से,

हमने ही उसे दिया था ,सांस्कृतिक उच्च सिंहासन,
माँ जिस पर बैठी सुख से ,करती थी जग का शासन,

अब काल चक्र की गति से ,वह टूट गया सिंहासन,
अपना तन मन धन देकर

हम करें पुन: संस्थापन ,हम करें पुन: संस्थापन

हम करें राष्ट्र आराधन ,हम करें राष्ट्र आराधन.. आराधन
तन से, मन से, धन से ,तन मन धन जीवन से
हम करें राष्ट्र आराधन,हम करें राष्ट्र आराधन.. आराधन

--D.Lit Mr. Vishwanath Shukla
जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखा गया राष्ट्रप्रेम से पूर्ण एक बहुत ही सुंदर राष्ट्र आराधन गीत है
-
.