Thursday, March 29, 2012

Who said Right To Recall is impractical in India ?

Who said Right To Recall is impractical in India ?
-----Although some state Government deliberately implemented very very weak Right To Recall law even so Citizens are using this law anyhow & expelling corrupt representatives.

16 June 2008, in Chattisgarh, 3 elected representatives were recalled by citizens in their respected areas.

1. Ms Bharti Sonkar, woman president of Gunderdehi Nagar Panchayat getting 1389 votes in favour & 1977 votes against.

2. Sitaram of Nawagarh Nagar Panchayat getting 865 votes in favour & 1146 votes against.

3. Khoren Khalco, woman president of Rajpur Nagar Panchayat.

Uma Ghosh, the sitting woman president of Nawagarh, Chattisgarh says “the Act on Right To Recall will infuse accountability among elected representatives and make them visit their constituencies more often.”

Madhya Pradesh
Between the years 2000 and 2011, Madhya Pradesh witnessed 27 recall elections. Of these 13 were re-elected while 14 were recalled.

Shri Rajiv Dixit ji had done tremendous research on India & said Right To Recall law is must in our country. Right To Recall enhances democracy.

Our Bharat past was was glorious because then Raja & Maharajas used to listen to citizens. Recall procedures were also used in towns & villages & citizens were the masters & they controlled everything.

"हिन्दू" एक विदेशी नाम है ???

भाई कुमार सतीश द्वारा ,,,,,,

मेरे बहुत सारे जागरूक और विद्वान मित्र मेरे "हिन्दू" शब्द के उपयोग करने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हैं और कहते हैं कि "हिन्दू" एक विदेशी नाम है... परन्तु मैं उनके इस बात से कभी भी सहमत नहीं होता हूँ  क्योंकि  हिंदू शब्द भारतीय विद्वानों के अनुसार कम से कम 4000 वर्ष पुराना है।
     शब्द कल्पद्रुम : जो कि लगभग दूसरी शताब्दी में रचित है , में एक मन्त्र आता है  "हीनं दुष्यति इतिहिंदू जाती विशेष:"  अर्थात  हीन कर्म का त्याग करने वाले को हिंदू कहते है
   इसी प्रकार अदभुत कोष में भी एक मन्त्र आता है | "हिंदू: हिन्दुश्च प्रसिद्धौ दुशतानाम च विघर्षने"। अर्थात.......... हिंदू और हिंदु दोनों शब्द दुष्टों को नष्ट करने वाले अर्थ में प्रसिद्द है।
 इतना ही नहीं   वृद्ध स्म्रति (छठी शताब्दी) में भी मन्त्र है, '' हिंसया दूयते यश्च सदाचरण तत्पर:। वेद्.........हिंदु मुख शब्द भाक्। " अर्थात  
जो सदाचारी वैदिक मार्ग पर चलने वाला, हिंसा से दुख मानने वाला है, वह हिंदु है
ब्रहस्पति आगम (समय ज्ञात नही) में श्लोक है,  
"हिमालय समारभ्य यवाद इंदु सरोवं। तं देव निर्वितं देशम हिंदुस्थानम प्रच्क्षेत । अर्थात....... हिमालय पर्वत से लेकर इंदु (हिंद) महासागर तक देव पुरुषों द्बारा निर्मित इस क्षेत्र को हिन्दुस्थान कहते है
और तो और.... पारसी समाज के एक अत्यन्त प्राचीन ग्रन्थ में भी लिखा है कि, "अक्नुम बिरह्मने व्यास नाम आज हिंद आमद बस दाना कि काल चुना नस्त"। अर्थात...... व्यास नामक एक ब्राह्मण हिंद से आया जिसके बराबर कोई अक्लमंद नही था।
 इस्लाम के पिगम्बर मुहम्मद से भी १७०० वर्ष पुर्व लबि बिन अख्ताब बिना तुर्फा नाम के एक कवि अरब में पैदा हुए। उन्होंने अपने एक ग्रन्थ में लिखा है,  "अया मुबार्केल अरज यू शैये नोहा मिलन हिन्दे। व अरादाक्ल्लाह मन्योंज्जेल जिकर्तुं॥ अर्थात............
हे हिंद की पुन्य भूमि ! तू धन्य है, क्योंकि ईश्वर ने अपने ज्ञान के लिए तुझे चुना है
 १० वीं शताब्दी के महाकवि वेन लिखते हैं .....अटल नगर अजमेर,अटल हिंदव अस्थानं ।
महाकवि चन्द्र बरदाई ने भी लिखा है   जब हिंदू दल जोर छुए छूती मेरे धार भ्रम ।
 सिर्फ इतना ही नहीं...... इन जैसे हजारो तथ्य चीख-चीख कर कहते है कि हिंदू शब्द हजारों-हजारों वर्ष पुराना है।
इन हजारों तथ्यों के अलावा भी लाखों तथ्य इस्लाम के लूटेरों ने तक्ष शिला व नालंदा जैसे विश्व - विद्यालयों को नष्ट करके समाप्त कर दिए।
अतः ..... हिन्दू कोई अपमानजनक शब्द नहीं है बल्कि एक काफी गौरवशाली शब्द है......! इसीलिए .. अपने मन की हीन भावना को त्यागिये और........ गर्व से कहो, हम हिन्दू हैं....! जय महाकाल...!!!

Wednesday, March 14, 2012

सारे बाबा ठग हैं ?

सारे बाबा ठग हैं, साले सब के सब चोर हैं...

ऐसा वाक्य कहते सुनाई देते होंगें आपको कई पढ़े लिखे गवार और बेवकूफ लोग।

मैं उन कमअकलों से पूछना चाहता हूँ कि

1. कितने बाबाऔं ने आज तक केंद्र की शक्तिशाली सरकार से सीधा पंगा लिया है ?

2. कितने बाबाऔं ने विदेशी कम्पनियाँ जो देश का पैसा लूट कर ले जाती हैं के खिलाफ स्वदेशी तंत्र खड़ा किया है ?

3. कितने बाबाऔं ने तुम्हें आश्वासन दिया के रूपये की कीमत डॉलर के बराबर पहुँच सकती है ।

4. पैट्रोल की कीमत 35 रूपये हो सकती है , गैस सिलेंडर 200 रूपये का मिल सकता है !

5. देश वासीयों को उनकी मात्र एवं राष्ट्र भाषा में पढ़ाई करने का अवसर मिल सकता है ।

6. सारे टेक्स बन्द किए जा सकते हैं मात्र 2% टेक्स पे देश चलाया जा सकता है ।

7. बिजली मुफ्त दी जा सकती है ।

8. गरीबी खत्म की जी सकती है देश में से ।

9. विदेशों में काम कर रहे भारतीयों को देश में अच्छे दाम पर काम दिलवाया जा सकता है ।

10. कितने बाबाऔं ने घर घर योग और आयुर्वेद को पहुँचाया है ?

11.कितने बाबाओं ने सामान चिकित्सा और सामान शिक्षा व्यवस्था वो भी निशुल्क दिलाने की बात की है ?

12. कितने बाबाऔं ने देश के लिए अपने जीवन को मुश्किलों के दलदल में धकेला है ???..


अगर इन सब सवालों का जवाब है तो बहुत बढ़िया है अगर नहीं है तो आप भी स्वामी रामदेव जी के इस व्यवस्था परिवर्तन आन्दोलन से जुडें :- www.bharatswabhimantrust.org

Baba Ramdev

Bharat Swabhiman Trust (Official)

Poojya Acharya Bal Krishan Ji Maharaj


Source :-Randhir Chaudhary Bhartiya

Monday, March 5, 2012

સજન મારી પ્રીતડી song from જીગર ને મીઠો અમી

સજન મારી પ્રીતડી સદીઓ પુરાણી , સજન મારી પ્રીતડી સદીઓ પુરાણી
ભૂલી ના ભુલાશે પ્રણય કહાણી...(2)
જનમો જનમ ની પ્રીતિ દિધી કા વિસરી પ્યારી કરી તે શાને મરણ પથારી
જલતા હૃદય ની તેતો વેદના ના જાણી
રહી રે ગયી અંતર ની ઉર્મીઓ કુવારી મૃગ જળ સરીખી માયા નીકળી ઠગારી
પ્રીતના પારેવડા ની પંખો રે પીખાણી
ધારા પર ઝૂકેલુ ગગન કરે રે અણસારો , મળશે જીગર ને મીઠો અમી નો સહારો
ખાતા જીવો ની લગની નથી રે અજાણી
સજન મારી પ્રીતડી સદીઓ પુરાણી , સજન મારી પ્રીતડી સદીઓ પુરાણી
ભૂલી ના ભુલાશે પ્રણય કહાણી...
સુહાગણ રહી ને મરવું જીવવું તો સંગ માં(2) પલ પલ ભીજાવું તમને પ્રીતડી ના રંગ માં
ભાવો ભાવો મળીને કરીએ ઉર ની ઉજાણી
તમે મારા મન ના મોહન જગ થી દુલારા ,એક રે આતમ ને જુદા રચ્યા રે કિનારા
સુખો માં તમારા મારી સીમા રે સમાણી
તમે મારા મન ના મોહન જગ થી દુલારા ,એક રે આતમ ને જુદા રચ્યા રે કિનારા
સુખો માં તમારા મારી સીમા રે સમાણી
જીગર ને અમી ની આતો
રજની
સુહાગી મળે તે સરસ ના જોડ ની સુહાગી
છાયા રૂપે નયન ને પિંજરે પુરાની

Saturday, March 3, 2012

નરસિંહ મહેતા ના ભજન 1

ભૂતળ ભક્તિ પદારથ મોટું, બ્રહ્મ લોકમાં નાહીં રે,
પુણ્ય કરી અમરાપુરી પામ્યા, અંતે ચોરાસી માંહી રે
હરિના જન તો મુક્તિ ન માગે, માગે જનમોજનમ અવતાર રે,
નિત્ય સેવા, નિત્ય કીર્તન-ઓચ્છવ, નીરખવા નંદકુમાર રે
... ભૂતળ ભક્તિ.
ભરત ખંડ ભૂતળમાં જન્મી જેણે ગોવિંદના ગુણ ગાયા રે,
ધન્ય ધન્ય એના માતપિતાને, સફળ કરી જેણે કાયા રે ... ભૂતળ ભક્તિ.
ધન્ય વૃંદાવન, ધન્ય એ લીલા, ધન્ય એ વ્રજના વાસી રે,
અષ્ટ મહાસિદ્ધિ આંગણિયે ઉભી, મુક્તિ થઈ એની દાસી રે ... ભૂતળ ભક્તિ.
એ રસનો સ્વાદ શંકર જાણે, કે જાણે શુક જોગી રે,
કાંઈ એક જાણે પેલી વ્રજની ગોપી, ભણે નરસૈંયો ભોગી રે ... ભૂતળ ભક્તિ.