Sunday, June 20, 2010

अखण्ड भारत की रूपरेखा

भ्रष्टाचार व भ्रष्ट व्यवस्थाओं की समाप्ति कृषि-क्रान्ति, औद्योगिक व
आर्थिक-क्रान्ति व शैक्षणिक-क्रान्ति से देश का इतना विकास होगा कि भारत की
2020 तक जी.डी.पी. लगभग 1 हजार लाख करोड़ होगी और भारत विश्व की सबसे

बड़ी आर्थिक समृद्धि से आकर्षित होकर भारत में अपनी पूँजी लेकर आयेंगे, याद
रखना विदेशी पूँजी निवेश गरीब देश को ओर अधिक गरीब तथा समृद्ध व विकसित
देश को और अधिक ताकतवर बनाता है।
आज हम अपनी पूँजी, अपनी शक्ति, प्राकृतिक सम्पदा, प्रतिभा व अपने संसाधनों
से स्वदेशी से देश को स्वावलम्बी बनायेंगे तथा बाद में विश्व के ताकतवर देश भी
हमारी शक्ति बढ़ायेंगे। भारत के सर्वविध शक्तिशाली बनने पर हमसे टूटे हुए, रूठे

हुए, तोड़े गए या दूर गए देश भी हमारे साथ मिल जायेंगे और आफगानिस्थान व
पाकिस्थान से लेकर बंग्लादेश व बर्मा तक तथा तिब्बत व मानसरोवर से लेकर
श्रीलंका तक एक अखण्ड भारत का निर्माण होगा और भारत फिर दुनियाँ का हर
क्षेत्र में नेतृत्व करेगा। विश्व की पाँच बड़ी संस्थाएं जो अमेरिका की दादागिरी के कारण

अलोकतान्त्रिक तरीके से काम कर रही है और उनके कारण भारत सहित दुनियाँ के
लगभग 195 देशों के साथ घोर पक्षपात व अन्याय पूर्ण व्यवहार हो रहा है।
हम आई.एक.पी., वल्ड बैंक, संयुक्त राष्ट्र संघ, डब्लू.टी.ओ. का मुख्यालय भारत में बनायेंगे
और पुर्ण ईमानदारी, जिम्मेदारी व निष्पक्षता के साथ विश्व को सही नेतृत्व देंगे।

भारत के उदय में विश्व का उदय है। भारत ने कभी भी किसी देश के साथ पहले युद्ध
नहीं किया, भारत ने कभी भी किसी देश को सताया नही, उजाड़ा नहीं, भारत ने
"वसुधैव कुटम्बकम्" की संस्कृति में विश्वास रखा है।
अतः हमारा राष्ट्रवाद भी मानवतावाद व सच्चे वैश्विक व अध्यात्मवाद के मूल्यों पर आधारित है।

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