Monday, March 18, 2013

IMP quotes shlocks in sanskrit ~I

9.22.अनन्याश्र्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम् || २२ || वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् देवकीपरमानन्दं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् शब्द कल्पद्रुम में मन्त्र है "हीनं दुष्यति इतिहिंदू जाती विशेष:" हीन कर्म का त्याग करने वाले को हिंदू कहते है सुखस्य मूलं धर्म: धर्मस्य मूलं अर्थ: अर्थस्य मूलं राज्स्य राज्स्य मूलं इन्द्रियजय ॐ त्रयम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनं | उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मोक्षिय मामृतात् || ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात् ।। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो गंगे! च यमुने! चैव गोदावरी! सरस्वति! नर्मदे! सिन्धु! कावेरि! जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु।। धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नोधर्मोहतोऽवधीत्। ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते |
 - ईश उपनिषद !

अहिंसा परमो धर्मः  धर्म हिंसा तथीव च Ahimsa Paramo Dharma Dharma himsa tathaiva cha*Non-violence is the ultimate dharma. So too is violence in service of Dharma.
सर्वे   भवन्तु   सुखिन:   सर्वे   सन्तु  निरामया: 
           सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:ख भाग्भवेत् 
सभी सुखी होंसभी निरोगी होंसभी को शुभ दर्शन हों और कोई दु:ख से ग्रसित न हो 

Everyone should be happy and healthy, everyone should be free from the greed, everyone should be preaching the harmonic living and no one should suffer from misery or diseases.

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