Monday, December 25, 2023

બોદાણા નું ગાડું હાંકે રે મારો દેવ દ્વારકા વા

 બોદાણા નું ગાડું હાંકે રે

મારો દેવ દ્વારકા વાળો 

અગમ ના ભેદ ભાખે રે મારો દેવ દ્વારકા વાળો 

પ્રેમ ને વશ થઇ હરજી મારો સાચવે સૌ નું ટાણુ 

ભર સભા દૌપદી ના પુર્યા ચિર નવસો નવાણુ 

ગઢ જૂનાડે મેહતો જાણા છોડાવ્યો રાગ કેદારો

જેલ મા જઈને હાર પેહરાવયો તે જ દ્વારકા વાળો

ભકત બોદાણા ની ભકિત જોઈ ને હરખયા દીન દયાળ દ્વારકા છોડી ડાકોર આવ્યા જય જય રણછોડ રાય 

ઉપાડી એક વાળી યજ્ઞ મા ગત ગોવિંદે જાણી

કુરુક્ષેત્ર મા અર્જુન નો રથ હાંકે સાળંગપાણી

Saturday, November 9, 2019

जिन पर कृपा राम करे वो पत्थर भी तर जाते हैं

 
राम नाम आधार जिन्हें
राम नाम आधार जिन्हें वो जल में राह बनाते हैं
जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर भी तिर जाते हैं
जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर राम नाम आधार जिन्हें
राम नाम आधार जिन्हें वो जल में राह बनाते हैं
जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर भी तिर जाते हैं

जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर भी तिर जाते हैं

लक्ष्य रामजी सिद्धि रामजी राम ही राह बनाई

राम ही राह बनाई
राम कर्म हैं राम ही कर्ता राम की सकल बड़ाई

राम की सकल बड़ाई
राम काम करने वालों में राम की शक्ति समाई
पृथक पृथक नामों से सारे काम करें रघुराई
भक्त परायण निज भक्तो को सारा श्रेय दिलाते है
जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर भी तिर जाते हैं

घट घट बसके आप ही अपना नाम रटा देते हैं

नाम रटा देते हैं
हर कारज में निज भक्तो का हाथ बटा देते है

हाथ बटा देते है
बाधाओं के सारे पत्थर राम हटा देते है
अपने ऊपर लेकर उनका भार घटा देते है
पत्थर क्या प्रभु तीन लोक का
पत्थर क्या प्रभु तीन लोक का सारा भार उठाते हैं
जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर भी तिर जाते हैं

जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर भी तिर जाते हैं (ओ ओ ओ)
जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर भी तिर जाते हैं

जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर भी तिर जाते हैं (ओ ओ ओ)



Thursday, July 25, 2019

Dwadash mantra

 ॐ कनक अमोद संभव सागर जीवन कांतोन प्रवासी असूरा विदेह देवानाम् वायसः

Thursday, January 12, 2017

श्री दुर्गा सप्तशती

ॐ अस्य श्रीचण्डिकाया ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापविमोचनमन्त्रस्य वसिष्ठ-नारदसंवादसामवेदाधिपतिब्रह्माण ऋषयः सर्वैश्वर्यकारिणी श्रीदुर्गा देवता चरित्रत्रयं बीजं ह्री शक्तिः त्रिगुणात्मस्वरूपचण्डिकाशापविमुक्तौ मम संकल्पितकार्यसिद्ध्‌यर्थे जपे विनियोगः।

ॐ (ह्रीं) रीं रेतःस्वरूपिण्यै मधुकैटभमर्दिन्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥1॥
ॐ श्रीं बुद्धिस्वरूपिण्यै महिषासुरसैन्यनाशिन्यै
ब्रह्मवसिष्ठ विश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥2॥
ॐ रं रक्तस्वरूपिण्यै महिषासुरमर्दिन्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥3॥
ॐ क्षुं धुधास्वरूपिण्यै देववन्दितायै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥4॥
ॐ छां छायास्वरूपिण्यै दूतसंवादिन्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥5॥
ॐ शं शक्तिस्वरूपिण्यै धूम्रलोचनघातिन्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥6॥
ॐ तृं तृषास्वरूपिण्यै चण्डमुण्डवधकारिण्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्र शापाद् विमुक्ता भव॥7॥
ॐ क्षां क्षान्तिस्वरूपिण्यै रक्तबीजवधकारिण्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥8॥
ॐ जां जातिस्वरूपिण्यै निशुम्भवधकारिण्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥9॥
ॐ लं लज्जास्वरूपिण्यै शुम्भवधकारिण्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥10॥
ॐ शां शान्तिस्वरूपिण्यै देवस्तुत्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥11॥
ॐ श्रं श्रद्धास्वरूपिण्यै सकलफलदात्र्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥12॥
ॐ कां कान्तिस्वरूपिण्यै राजवरप्रदायै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥13॥
ॐ मां मातृस्वरूपिण्यै अनर्गलमहिमसहितायै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥14॥
ॐ ह्रीं श्रीं दुं दुर्गायै सं सर्वैश्वर्यकारिण्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥15॥
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं नमः शिवायै अभेद्यकवचस्वरूपिण्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥16॥
ॐ क्रीं काल्यै कालि ह्रीं फट् स्वाहायै ऋग्वेदस्वरूपिण्यै
ब्रह्मवसिष्ठविश्वामित्रशापाद् विमुक्ता भव॥17॥
ॐ ऐं ह्री क्लीं महाकालीमहालक्ष्मी-
महासरस्वतीस्वरूपिण्यै त्रिगुणात्मिकायै दुर्गादेव्यै नमः॥18॥
इत्येवं हि महामन्त्रान्‌ पठित्वा परमेश्वर।
चण्डीपाठं दिवा रात्रौ कुर्यादेव न संशयः॥19॥
एवं मन्त्रं न जानाति चण्डीपाठं करोति यः।
आत्मानं चैव दातारं क्षीणं कुर्यान्न संशयः॥20॥

Saturday, October 22, 2016

बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारी

बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारी
अगर हो इनायत ए जाने मुहब्बत
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी

जो सबसे जुदा है वो अंदाज़ हो तुम
छुपा था जो दिल में वो ही राज़ हो तुम
तुम्हारी नज़ाकत बनी जब से चाहत
सुकून बन गई है हर इक बेक़रारी

न थे जब तलक तुम हमारी नज़र में
न था चाँद शब में न सूरज सहर में
तुम्हारी इजाजत तुम्हारी हुक़ूमत
ये सारा गगन है ये धरती है सारी

बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारी
अगर हो इनायत ए जाने मुहब्बत
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी  

Saturday, September 17, 2016

Dikro maro Ladakvayo

Dikro maro Ladakvayo, Dev no Didhel Chheeeeeeeehooooooooooo
my  son my dearest , is gift of god 

Dikro maro Ladakvayo, Dev no Didhel Chhe
Vayra jara dhira vajo e ninda ma Podhel Chheeeeee
breeze plz blow slower as he is [delicate] sleeping now 

Dikro maro Ladakvayo, hmmmmmmmmmmm
Ramsu dade Kal savare, jai nadine pir
we shall go tomorrow morning at bank of river and will play ball

Kalvi gayana dudhani pachhi, randhsu mithi khir
then after will make sweet kheer from milk of our black cow for u

Ramsu Tane Kal savare, jai nadine pir
Kalvi gayana dudhani pachhi, randhsu mithi khir
Apva tane mithi mithi, ambli rakhel chheeeeeee
and i kept sweet immli for u only 

Dikro maro Ladakvayo, hmmmmmmmmmmm

Kerio kachi todshu ane, chakhasu mitha bor
chhayda odhi julsu ghadi hase jyan bappor

Kerio kachi todshu ane, chakhasu mitha bor

 we shall get unripe mange from trees [its will be fun] , n then we shall taste sweet berries 
chhayda odhi julsu ghadi hase jyan bappor
 as sun come up we shall go under cool shadow of trees
sim vachale vadhala dale, hinchako bandhel cheeeeeee
in btwn farm we have swing tied on branch of vad [ banayan tree] 

Dikro maro Ladakvayo, hmmmmmmmmmmm

phool ni sugandh, phool no pavan, phool na jevu smiiiitt
 fregance of flower breeze paasing from flowers n your smile as beautiful as flower
lagni tari lagti jane, gay chhe phoolo geeeet

phool ni sugandh, phool no pavan, phool na jevu smiiiitt

lagni tari lagti jane, gay chhe phoolo geeeet
Amto tari aju baju, kanta ugel chheeeeeeeee
Dikro maro Ladakvayo, hmmmmmmmmmmm

halak dolak thay chhe papan, markya kare hoooooooth
your eyelids are moving , you[r lips]  are smiling [while u sleeping]
shyamle avi vaat kare chhe, rajkumari kooooook
i guess u r dreaming that a gorgeous princess talking to u 

halak dolak thay chhe papan, markya kare hoooooooth
shyamle avi vaat kare chhe, rajkumari kooooook

ramta ramta hamna ene, ankhdi michel chheeeeeeeeee
in btwn playing u just fall in sleep 

Dikro maro Ladakvayo, Dev no Didhel Chhe
Vayra jara dhira vajo e ninda ma Podhel Chheeeeee
Dikro maro Ladakvayo, hmmmmmmmmmmm

Thursday, June 16, 2016

श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रं

प्रथमं तु हरिं विद्यात् द्वितीयं केशवं तथा। तृतीयं पद्मनाभं तु चतुर्थं वामनं तथा॥१॥ पञ्चमं वेदगर्भं च षष्ठं तु मधुसूदनं। सप्तमं वासुदेवं च वराहं चाष्टमं तथा॥२॥ नवमं पुण्डरीकाक्षं दशमं तु जनार्दनम्। कृष्णमेकादशं प्रोक्तं द्वादशं श्रीधरं तथा॥३॥ एतद्द्वादशनामानि मया प्रोक्तानि फाल्गुन। कालत्रये पठेद्यस्तु तस्य पुण्यफलं शृणु॥४॥ चान्द्रायणसहस्रस्य कन्यादानशतस्य च। अश्वमेधसहस्रस्य फलमाप्नोति मानवः॥५॥ ॥इति श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌॥