Sunday, March 20, 2016

किसका चेहरा, अब मैं देखूं

चाँद भी देखा, फूल भी देखा 
बादल, बिजली, तितली, जुगनू 
कोई नहीं है ऐसा, तेरा हुसन है जैसा 

मेरी निगाह ने ये कैसा ख्वाब देखा है 
ज़मीं पे चलता हुआ महताब देखा है 
मेरी आँखों ने चुना है तुझको, दुनिया देखकर 
किसका चेहरा, अब मैं देखूं, तेरा चेहरा देखकर 

नींद भी देखी, ख्वाब भी देखा 
चूड़ी, बिंदिया, दर्पण, खुशबू 
कोई नहीं है ऐसा, तेरा प्यार है जैसा 
मेरी आँखों ने चुना है...

रंग भी देखा, रूप भी देखा 
रस्ता, मंजिल, साहिल, महफ़िल 
कोई नहीं है ऐसा, तेरा साथ है जैसा 
मेरी आँखों ने चुना है...

बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारी 
बना दीजिये इनको, किस्मत हमारी 
उसे और क्या चाहिए ज़िन्दगी में 
जिसे मिल गयी है मोहब्बत तुम्हारी 
मेरी आँखों ने चुना है...

1 comment: