हम सब जानते हैं कि 27 फरवरी 2011 को जब बाबा रामदेव जी ने रामलीला मैदान में लाखों लोगो कि रैली की थी काला धन वापिस लाने के लिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ जिसमे अन्ना हजारे, किरण बेदी भी आये थे|
लेकिन किसी भी न्यूज़ चैनल ने इसके बारे में एक छोटी सी खबर भी नही दिखाई बहुत हैरानी की बात है, और इसी भारत स्वाभिमान की रैली में अन्ना जी ने कहा था कि मुझे बाबा जी के इस मंच से एक नई ताकत मिली है|
उस समय बाबा रामदेव जी के साथ अन्ना जी किरण जी और भी बहुत से लोगो ने मिलकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा था काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ|
और इतना दबाव सरकार के उपर बढने से हो सकता था कि सरकार आने वाले कुछ सालो में काला धन वापिस लाने के लिए बड़े कदम उठा सकती थी और भारत का सारा धन उसे वापिस मिल भी जाता, लेकिन इससे आप जानते हैं सबसे बड़ा खतरा अमेरिका को था क्योंकि अमेरिका कि पूरी अर्थव्यवस्था काले धन पर ही चल रही है और अगर भारत का काला धन भारत वापिस आ जाता तो अमेरिका का इतनी मंदी आ जाती कि 1$ 7 से 8 रूपये के बराबर हो जाता और फिर विश्व कि महाशक्ति अमेरिका नही बल्कि भारत बन जाता|
जब बाबा जी कि रामलीला मैदान कि रैली को अमेरिका ने देखा तो उसके होश उड़ गए क्योंकि उस रैली को रोकने के लिए सरकार ने सारे हथकण्डे अपनाकर देख लिए थे लेकिन इन सबके बावजूद लाखों लोग उस रैली में आये थे, अमेरिका अपने भविष्ये को लेकर चिंतित था| अमेरिका इस आन्दोलन को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता था क्योंकि ये उसके भविष्ये का सवाल था|
अब इन गोरों ने फिर से अपनी कूट निति "DIVIDE & RULE" को हथियार बनाया और देश कि जनता को दो हिस्सों में तोड़ दिया इसमें मोहरा बनाया गया अन्ना जी को इस काम के लिए चुना गया अरविन्द केजरीवाल को|
आप जानते हैं कि केजरीवाल का एक NGO है लेकिन आप ये नही जानते कि उसमे सबसे जयादा फंडिंग अमेरिका की फोर्ड FOUNDATION करती है और आपको जान कर हैरानी होगी कि इस फोर्ड में फंडिंग अमेरिका कि CIA करती है अब ये तो आपको बताने कि जरूरत नही होगी कि CIA कौन है और इसके साथ ही केजरीवाल को मग्सैसे अवार्ड भी दिया गया है जिसकी फंडिंग भी CIA ही करता है|
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